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आखिर पवन सिंह ने चुना़व से पहले अपना नाम वापस क्यों लिया?

पवन सिंह के चुनाव लड़ने से इनकार करने पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं

आसनसोल: इन दिनों पश्चिम बंगाल में राजनीति दंगल में काफी चर्चाएं शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी 

(BJP) पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ मशहूर भोजपुरी सिंगर पवन सिंह को मैदान में उतर जा रहा था,लेकिन  इस पर बीजेपी में रह चुके टीएमसी विधायक बाबुल सुप्रियो ने स्टार भोजपुरी सिंगर पवन सिंह पर नाराजगी जताई, उन्होंने कहा पवन सिंह के बेतुके गाने महिलाओं एवं युवाओं के लिए सही नहीं है क्योंकि उनके ‘लॉलीपॉप लागेलू’ जैसे कई गाने हैं, जिसे महिलाओं के बीच सुना नहीं जा सकता।

ऐसे में भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह पश्चिम बंगाल के आसनसोल से चुनाव ना लडने का मन बना लिया है।पवन सिंह के चुनाव लड़ने से इनकार करने पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

 

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दरअसल पवन सिंह के आसनसोल से प्रत्याशी की घोषणा के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओ ने उनके अश्लील गानों को लेकर आवाज उठाई थी।पवन सिंह पर  सोशल मीडिया पर भी ज़बर्दस्त ताने सुनने मिले थे।ख़ास तौर पर पवन सिंह की बंगाल की बेटी को लेकर गाए गए गानों के साथ बंगाल की संस्कृति को लेकर ख़तरा बताया गया था। यहां तक टीएमसी नेता साकेत गोखले ने लिखा कि पवन सिंह महिलाओं को लेकर अश्लील वीडियो भी बनाते हैं।

ऐसे लोगों को बीजेपी भाजपा द्वारा टिकट देना कहां तक सही है। लेकिन इसके बावजूद भी बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा ने पवन सिंह के यहां से उम्मीदवार बनाये जाने पर मौजूदा टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि आने वाले समय में पश्चिम बंगाल  भाजपा के लिए एक चुनौती साबित होगी भले ही अपने प्रतिध्वधि को हमारे खिलाफ  किसी को भी खड़ा कर लें।

आसनसोल लोकसभा सीट के लिए अप्रैल 2022 में उपचुनाव हुआ था. इस उपचुनाव में टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्र पॉल को तीन लाख वोटों के अंतर से मात दी थी. इस प्रकार टीएमसी ने यह सीट बीजेपी से छीन ली थी. 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में इस सीट पर गायक बाबुल सुप्रियो ने जीत दर्ज की थी. मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री का जिम्मा भी मिला, लेकिन 2021 में इन्होंने इस्तीफा दे दिया और बाद में टीएमसी में शामिल हो गए थे. विधानसभा चुनाव में वह विधायक चुने गए.

2014 और 2019 में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था. बाबुल सुप्रियो यहां से दो बार सांसद बने थे, लेकिन उनके भाजपा छोड़ने और फिर विधायक बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी. यहां हुए उपचुनाव में टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी उम्मीदवार को हराते हुए अपनी पुरानी पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका दिया था. भारतीय जनता पार्टी की नजर इस सीट को फिर से जीतने पर है.

 

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